बिकास पाण्डेय की रिपोर्ट।
पुलिस अधीक्षक कुशीनगर धवल जयसवाल के उम्मीदों पर खरा ऊतर रही पुलिस टीम.
कुशल कार्यन्वयन के बदौलत टाप टेन के सूची में पुलिस अधीक्षक कुशीनगर.
आज भी शंकर दत्त शुक्ल (शुक्ला दरोगा) से की जाती है शुशील शुक्ल की तुलना.
जंगल दस्यू पार्टी (जंगली पार्टी) के दौरान अनील पाण्डेय के बाद सबसे ज्यादा ख्याती प्राप्त रहे शुक्ला दरोगा.
स्वाट प्रभारी ने हमेशा ही विषम परिस्थितियों में प्रशासनिक तौर पर बडी़ कार्यवाहीयों को अंजाम दे हमेशा से ही समाज को अमन चैन का संबल प्रदान किया है। एक दौर था जब तरयासुजान में जहरीले शराब से लोगों के मौत के बाद तत्कालीन कप्तान ने पूरे थाने को लाइन हाजिर करनेे के बाद सुशील शुक्ला पर भरोसा जताया था तब जनता में करीब दो या तीन दशक पूर्व रहे थानाध्यक्ष शंकर दत्त शुक्ल कि यादें ताजा हो चली थी। जिनके स्वच्छ कार्य शैली और अदम्य साहस कि चर्चा आज भी लोग अपने पुरानी यादों से करते नही थकते। जिनकी ख्याति आज भी शुक्ला दरोगा के नाम से प्रचलित है.

उन्ही के अनुरूप उस दौरान शुशील शुक्ला ने तरयासुजान के बिगड़ती परिस्थितियों को ठीक करने अहम योगदान दिया था। गौरतलब हो कि उस दौरान बिहार मे शराब बंदी की लहर थी जब क्षेत्रीय युवा और पुंजी पति तस्करी मे अपना सुनहरा भविष्य खोज रहे थे। बाद इसके यह नाम चर्चा में तब आया जब गोरखपुर में विधानसभा चुनाव के दौरान बहुचर्चित मामला गोरखपुर के एक होटल मे व्यवसायियों की हत्या हो गयी थी। तब जिम्मेदार अधिकारियों ने एक बार फिर शुशील शुक्ला को याद कर भरोसा जताया था। जिसकी जिम्मेदारी उन्होने बखूबी निभाई थी। बाद इसके एकबार पुनः स्वाट टीम प्रभारी के तौर पर कुशीनगर में बडे़ मामलों का पर्दाफाश जनपदवासियों के लिए अपने सुरक्षा के प्रति सुखद अनुभव है
एक चर्चा के दौरान स्वाट टीम प्रभारी से पूछे गये एक सवाल के जबाब मे बताया चर्चित ये नाम हमारे लिए आदर्श हैं हमारे लिए वह जगह पाना कठिन है हमारा प्रयास समाज और देश हित में है.