भारतीय सेना के विरोध में क्‍यों सड़कों पर उतरी नेपाली जनता? SSB पर लगाए ये गंभीर आरोप; सीमा पर तनाव का माहौल



नेपाल की जनता ने भारत के सशस्त्र सीमा बल पर गंभीर आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। भारत-नेपाल सीमा से सटे मैत्री पुल पर स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इसके बाद नेपाल प्रशासन और एसएसबी के अधिकारियों के बीच कई घंटे तक बैठक हुई। विवाद इंडो-नेपाल बार्डर के नो मैंस लैंड पर बने दोनों देशों को जोड़ने वाले पुल को लेकर शुरू हुआ।

भारत-नेपाल सीमा के सरिसवा नदी पर बने मैत्री पुल पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने अतिरिक्त चेकपोस्ट बनाया है, जिसको लेकर सीमा से सटे नेपाल के स्थानीय लोगों में आक्रोश है। बुधवार को इसका विरोध करते हुए उन्होंने सड़क भी जाम किया।



दरअसल, एसएसबी के जवानों ने सुरक्षा की दृष्टि से अतिरिक्त पोस्ट बनाया है, जिसको लेकर सीमार्वती नेपाली जनता ने प्रशासन को सूचना दी कि भारतीय एसएसबी जवानों ने इंडो-नेपाल बार्डर के नो मैंस लैंड पर बने दोनों देशों को जोड़ने वाले पुल पर कब्जा कर लिया है।

तीन घंटे यातायात रही ठप


इसके विरोध में पर्सा जिला में नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों ने सड़क जाम कर दिया। इससे स्थिति तनावपूर्ण हो गयी। करीब तीन घंटे के लिए यातायात ठप हो गयी।


स्थिति बिगड़ता देख, मौके पर पहुंचे एसएसबी इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा और नेपाल प्रशासन के अधिकारियों ने काफी देर तक बातचीत की। इसके बाद मुख्य बार्डर पिलर और सहायक बार्डर पिलर के स्थल का निरीक्षण किया।

एसएसबी के जांच प्रक्रिया से होगा गुजरना


उन्होंने बताया कि सीमा शुल्क कार्यालय के पहले यानी नेपाल से भारत और भारत से नेपाल में प्रवेश करते समय देशी-विदेशी लोगों को आधे किलोमीटर दूरी पर एसएसबी की जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा।


एसएसबी इंसपेक्टर के अनुसार, नेपाल से प्रवेश करते समय फ्रंट लाईन पर सशस्त्र सीमा बल जवान जांच करंगे। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर काफी दिनों से एजेंसियां जांच कर रही थी।

वहीं, इधर देर रात में बंगलादेशी विदेशी नागरिकों के पकड़े जाने के बाद यहां जवानों को तैनात किया गया है।

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